Copyright ©APKDroid. All Rights Reserved
कृपया डाउनलोड करें और साझा करें رمزيات شيعية حسينية حزينة ? - v2.0, श्रेणी जीवनशैली में चित्रित ऐप्स में से एक।
>प्लस, कुछ अन्य ऐप्स जिसे आप Eid Mubarak: Greeting, Wishes, GIFs,Quotes, Muslim Pro (MOD, Premium) MOD APK, Poll Pay Earn money and gift cards - paid surveys, Tile,
Tinder v13.1.0 APK + MOD (Plus/Gold अनलॉक किया)
MOD APK, Just Rain के रूप में डाउनलोड कर सकते हैं। यदि आप رمزيات شيعية حسينية حزينة ? - v2.0 से संतुष्ट महसूस करते हैं।
eddy.co द्वारा जारी, رمزيات شيعية حسينية حزينة ? - v2.0 आज उपलब्ध सर्वोत्तम और सर्वश्रेष्ठ मोबाइल फोन अनुप्रयोगों में से एक है। ऐप स्टोर के जीवनशैली श्रेणी में स्थित है।
رمزيات شيعية حسينية حزينة ? - v2.0 के लिए न्यूनतम ऑपरेटिंग सिस्टम Android 4.0.3+ और ऊपर है। इसलिए यदि आपको पहले से नहीं है तो आपको अपना फोन अपडेट करना होगा।
एपीकेड्रोइड पर, आपको رمزيات شيعية حسينية حزينة ? - v2.0 APK मुफ्त डाउनलोड मिलेगा, नवीनतम संस्करण 2.0, प्रकाशन की तारीख 2020-06-04 होने के साथ, फ़ाइल का आकार 6.7 MB है।Google Play Store के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 1000 डाउनलोड हैं। यदि आप चाहें तो एंड्रॉइड पर व्यक्तिगत रूप से डाउनलोड या इंस्टॉल किए गए ऐप हो सकते हैं। अपने ऐप्स को भी अपडेट करें। आपको नवीनतम सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करता है और सुरक्षा में सुधार करता है। और एप्लिकेशन की स्थिरता। अब यह आनंद लें !!!
قوائم التطبيق
- حالات شيعية
- صور شيعية
- رمزيات
- عاشوراء
- عيد الغدير
- يوم الأربعين
- رمزيات الحسين
- رمزيات شيعية مقدسة
- رمزيات حسينية
- صور حزينة
- زيارة الأربعين
- لطميات شيعية
- صور وحكم أهل البيت عليهم السلام
- صور مكتوب عليها حالات
- رمزيات تخشع لها القلوب
يوم الأربعين وهو يوم ورود حرم الحسين (عليه السلام) المدينة عائداً من الشام وهو يوم ورود جابر بن عبد الله الأنصاري كربلاء لزيارة الحسين وهو أول من زاره (عليه السلام) ويستحب فيه زيارته (عليه السلام) وعن الإمام العسكري (عليه السلام) قال: «علامات المؤمن خمس: صلاة احدى وخمسين ـ الفرائض والنوافل اليومية ـ و زيارة الأربعين، والتختم في اليمين، وتعفير الجبين، والجهر ببسم الله الرحمن الرحيم».
نَصُّ الزِّيارَة :
رَوَى الشيخ الطوسي ( قدَّس الله نفسه الزَّكية ) عن جماعة ، عَنْ صَفْوَانَ بْنِ مِهْرَانَ الْجَمَّالِ ، أنه قَالَ : قَالَ لِي مَوْلَايَ الصَّادِقُ صَلَوَاتُ اللَّهِ عَلَيْهِ فِي زِيَارَةِ الْأَرْبَعِينَ : " تَزُورُ عِنْدَ ارْتِفَاعِ النَّهَارِ وَ تَقُولُ :
السَّلَامُ عَلَى وَلِيِّ اللَّهِ وَ حَبِيبِهِ ، السَّلَامُ عَلَى خَلِيلِ اللَّهِ وَ نَجِيبِهِ ، السَّلَامُ عَلَى صَفِيِّ اللَّهِ وَ ابْنِ صَفِيِّهِ ، السَّلَامُ عَلَى الْحُسَيْنِ الْمَظْلُومِ الشَّهِيدِ ، السَّلَامُ عَلَى أَسِيرِ الْكُرُبَاتِ وَ قَتِيلِ الْعَبَرَاتِ .
شيعة علييوم الاربعينيا حسينعاشور
Show more